पिता जी का पहला मरीज!
डॉक्टर साहब किसी काम से बाहर गए थे तो उनका बेटा अपने साथी को डॉक्टर का कमरा दिखाने लगा। दोनों बच्चों ने एक अलमारी खोली, जिसमें एक इंसानी ढांचा रखा था।
यह क्या है? साथी ने पूछा।
ओह! यह तो पिताजी का सबसे पहला मरीज है।
डॉक्टर साहब किसी काम से बाहर गए थे तो उनका बेटा अपने साथी को डॉक्टर का कमरा दिखाने लगा। दोनों बच्चों ने एक अलमारी खोली, जिसमें एक इंसानी ढांचा रखा था।
यह क्या है? साथी ने पूछा।
ओह! यह तो पिताजी का सबसे पहला मरीज है।
डॉक्टर - तुम्हारा कान कैसे जला?
बंता - मैं कमीज प्रेस कर रहा था, कि फोन आ गया, मैंने जल्दी में फोन की जगह प्रेस को कान पर लगा लिया।
डॉक्टर- तो दूसरा कान कैसे जला?
बंता- अब एम्बुलेंस को भी फोन करना था ना।
डॉक्टरी आरंभ करने जा रहे पुत्र ने अपने डॉक्टर पिता से पूछा- जीवन के इस नए कार्यक्षेत्र में प्रवेश करते समय, मैं आपसे सफलता के कुछ गुर अवश्य जानना चाहूंगा।
पिता- बेटे पहला गुर यह है कि अपने नुस्खे सदैव घसीट में लिखना और बिल साफ-साफ।
राकेश ठंड से कांप रहा था, उसके पुत्र ने डॉक्टर को फोन मिलाया और बोला- डॉक्टर साहब जल्दी से घर आ जाओ।
डॉक्टर- क्यों क्या हुआ?
राकेश का पुत्र- बीमारी का तो पता नहीं डॉक्टर साहब लेकिन पापा सुबह से वाइब्रेशन मोड पर हैं।
मरीज- डॉक्टर साहब, क्या मैं अच्छा हो जाऊंगा? मैंने सुना है कि कभी-कभी डॉक्टर मलेरिया का इलाज करता रह जाता है और मरीज टायफाइड से मर जाता है।
डॉक्टर - फिक्र मत करो । मेरे इलाज में मलेरिया का मरीज मलेरिया से ही मरता है....
चमन लाल- डॉक्टर साहब, मैंने चाबी निगल ली।
डॉक्टर- कब?
चमन लाल- सर, करीब तीन महीने पहले।
डॉक्टर- तुम अब तक क्या कर रहे थे?
चमन लाल- में डुप्लीकेट चाबी इस्तेमाल कर रहा था, लेकिन अब वो भी खो गई है।