साहित्य प्रेमी दूल्हा सुहागरात को अपनी दुल्हन से बोला - प्रिय, आज से तुम ही मेरी कविता हो, भावना हो, कामना हो..
दुल्हन ने यह सुनकर दूल्हे से कहा- मेरे लिए भी आज से तुम ही मेरे मुकेश हो, सुरेश हो, रमेश हो..
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साहित्य प्रेमी दूल्हा सुहागरात को अपनी दुल्हन से बोला - प्रिय, आज से तुम ही मेरी कविता हो, भावना हो, कामना हो..
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