हूबहू मेरी बीवी जैसा ही है
नशे मे धुत एक शराबी ने रात के दो बजे एक मकान की घंटी बजाई। खिडकी खुली और उससे झांकते हुए एक महिला चिल्लाई- भाग यहां से, लफंगा कही का! यह तेरा घर नहीं है।
शराबी बुदबुदाया- कमाल है! अंदाज तो हूबहू मेरी बीवी जैसा ही है।
नशे मे धुत एक शराबी ने रात के दो बजे एक मकान की घंटी बजाई। खिडकी खुली और उससे झांकते हुए एक महिला चिल्लाई- भाग यहां से, लफंगा कही का! यह तेरा घर नहीं है।
शराबी बुदबुदाया- कमाल है! अंदाज तो हूबहू मेरी बीवी जैसा ही है।
सेठ जी- पता नहीं कैसा जमाना आ गया है, ढूंढने पर भी कोई आदमी नहीं मिलता। जो झूठ न बोलता हो।
सुरेश- लेकिन मैं एक ऐसे आदमी को जानता हूं जो कभी झूठ नहीं बोलता।
सेठ जी- अच्छा उस नेक आदमी से मेरी बात कराओ।
सुरेश- यह सभंव नहीं क्योकि वह गूंगा है।
एक कंडक्टर की शादी हो रही थी, जब दुल्हन फेरो के वक्त उसके पास आकर बैठी तो वो बोला- थोड़ा पास होकर बैठ एक सवारी और बैठ सकती है।
प्लंबर- सर पाइप नया लगा दिया है और बिल 700 रुपये हो गया है।
इंजीनियर- अरे इतना तो मैं इंजीनियर होकर भी नहीं कमाता।
प्लंबर- मैं भी नहीं कमाता था जब इंजीनियर था।
एक घर के बाहर बोर्ड लगा था- यहां बिजली के हर तरह के सामान की मरम्मत की जाती है!
बोर्ड के नीचे लिखा हुआ था- यदि घंटी न बजे तो दरवाजा खटखटाएं।
भिखारी- बाबू जी एक रुपया दे दो! 3 दिन से भूखा हूं!
बाबूजी- एक रुपये का तू क्या करेगा।
भिखारी- अपना वजन करवाऊंगा, देखना है कितना कम हुआ है।