मोहल्ला ही बदल देते हैं!
अंजलि- सुनिए जी, मुझे एक नई साड़ी दिला दीजिए न प्लीज।
अनिल-लेकिन तुम्हारी अल्मारी तो साड़ियों से भरी पड़ी है, फिर नई क्यों ?
अंजली- वे सभी साड़ियां तो मोहल्ले वालों ने देख ली हैं।
अनिल- हम साड़ी क्यों खरीदें, मोहल्ला ही बदल लेते हैं।