एक औरत कम पढ़ी-लिखी थी। उसे पता नहीं था कि पूर्णविराम कहां लगाना है। इसलिए लिखने के दौरान वह कहीं भी पूर्णविराम लगा देती थी। उसके पति बाहर रहते थे। एक दिन उसने अपने पति को चिट्ठी लिखी, जो कुछ यूं थी-

मेरे जीवनसाथी मेरा प्रणाम आपके चरणों में। आपने अभी तक चिट्ठी नहीं लिखी मेरी सहेली को। नौकरी मिल गई है हमारी गाय ने। बछड़ा दिया है दादा जी ने। शराब शुरू कर दी मैंने। तुमको बहुत खत लिखे पर तुम नहीं आए कुत्ते के बच्चे। भेडि़या खा गई दो महीने का राशन। छुट्टी पर आते हुए ले आना एक खूबसूरत औरत। और इस वक्त वही गाना गा रही है हमारी बकरी। बेच दी गई है तुम्हारी मां। तुमको याद कर रही है एक पड़ोसन। हमें बहुत तंग करती है तुम्हारी बहन। सिरदर्द से लेटी है तुम्हारी पत्नी।

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