एक ग्रामीण अपने गांव से पैदल शहर की ओर आ रहा था। रास्ते में रात हो गई तो वह पास के ही एक गांव में गया और एक घर का दरवाजा खटखटाया।

भीतर से किसी ने पूछा - कौन है?

ग्रामीण- मुसाफिर हूं, शहर जा रहा हूं, रात गुजारने के लिए जगह चाहिएं।

भीतर से आवाज आई- यह बहू-बेटियों का घर है कहीं और जाकर देखो।

ग्रामीण ने दूसरे घर में जाकर निवेदन किया। वहां भी जवाब मिला- हमारे घर में बहू-बेटियां हैं। माफ करो।

वह कई अन्य घरों में गया लेकिन हर जगह वही जवाब मिला।

अंत में एक घर की कुण्डी खटकाते हुए उसने आवाज लगाईं- रात गुजारनी है क्या आपके घर में बहू-बेटियां हैं?

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