प्रेमी (प्रेमिका से)- आखिर तुम्हारे अंदर क्या है?

प्रेमिका (प्रेमी से)- मैं अभिमान से पीडि़त हूं। दर्पण के सामने घंटों अपनी सुंदरता को निहारा करती हूं।

प्रेमी - इसे अभिमान नहीं कल्पना कहते हैं।

{widget:social-share-button}


Add comment