प्रेमी (प्रेमिका से)- आखिर तुम्हारे अंदर क्या है?
प्रेमिका (प्रेमी से)- मैं अभिमान से पीडि़त हूं। दर्पण के सामने घंटों अपनी सुंदरता को निहारा करती हूं।
प्रेमी - इसे अभिमान नहीं कल्पना कहते हैं।
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