बुढि़या बम

एक बार एक आंतकवादी ने बुढि़या के घर में बम रख दिया।

लोग चिल्लाये- बुढि़या बम है, बुढि़या बम है।

बुढि़या (शर्माकर बोली)- धत्त तेरी, वो तो मैं जवानी में थी!!!

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