दादा जी खुशी से मर न जाए!
90 वर्षीय एक सज्जन की दस करोड़ की लाटरी लग गई। इतनी बड़ी खबर सुनकर कहीं दादाजी खुशी से मर न जाएं, यह सोचकर उनके घरवालों ने उन्हें तुरंत जानकारी नहीं दी। सबने तय किया कि पहले एक डॉक्टर को बुलवाया जाए फिर उसकी मौजूदगी में उन्हें यह समाचार दिया जाए ताकि दिल का दौरा पड़ने की हालत में वह स्थिति को संभाल सके।
शहर के जानेमाने दिल के डॉक्टर से संपर्क किया गया। डॉक्टर साहब ने घरवालों को आश्वस्त किया- आप लोग चिंता मत करें। दादाजी को यह समाचार मैं खुद दूंगा। उन्हें कुछ नहीं होगा, मेरी गारंटी है।
डॉक्टर साहब दादाजी के पास गए। कुछ देर इधर-उधर की बातें कीं फिर बोले- दादाजी, मैं आपको एक शुभ समाचार देना चाहता हूं। आपके नाम दस करोड़ की लाटरी निकली हैं।
दादाजी बोले- अच्छा! लेकिन मैं इस उमर में इतने पैसों का क्या करूंगा पर अब तूने यह खबर सुनाई है तो जा, आधी रकम मैंने तुझे दी।
डॉक्टर साहब धम से जमीन पर गिरे और उनके प्राण पखेरू उड़ गए ।