एक आदमी मनोचिकित्सक के पास गया। बोला -डॉक्टर साहब मैं बहुत परेशान हूं। जब भी मैं बिस्तर पर लेटता हूं, मुझे लगता है कि बिस्तर के नीचे कोई है। जब मैं बिस्तर के नीचे देखने जाता हूं तो लगता है कि बिस्तर के ऊपर कोई है। नीचे, ऊपर, नीचे, ऊपर यही करता रहता हूं। सो नहीं पाता। कृपा कर मेरा इलाज कीजिये नहीं तो मैं पागल हो जाऊंगा।
डॉक्टर- तुम्हारा इलाज लगभग दो साल तक चलेगा। तुम्हें सप्ताह में तीन बार आना पड़ेगा। अगर तुमने मेरा इलाज मेरे बताये अनुसार लिया तो तुम बिलकुल ठीक हो जाओगे।
मरीज- पर डॉक्टर साहब, आपकी फीस कितनी होगी?
डॉक्टर- सौ रूपये प्रति मुलाकात.. मरीज गरीब आदमी था। बेचारा फिर आने को कहकर चला गया।
लगभग छ: महीने बाद वही आदमी डॉक्टर को सड़क पर घूमते हुये मिला।
डॉक्टर- क्यों भाई, तुम फिर अपना इलाज कराने क्यों नहीं आये? मनोचिकित्सक ने पूछा।
मरीज- सौ रूपये प्रति मुलाकात में इलाज करवाऊं इतने पैसे मेरे पास नही थे? मेरे पड़ोसी ने मेरा इलाज सिर्फ बीस रूपये में कर दिया आदमी ने जवाब दिया।
अच्छा! वो कैसे?
दरअसल वह एक बढ़ई है। उसने मेरे पलंग के चारों पाए सिर्फ पांच रूपये प्रति पाए के हिसाब से काट दिये।
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