एक मोटर मेकेनिक कार के इंजिन के पुर्जे खोल कर सुधार रहा था कि तभी शहर के नामचीन हार्ट सर्जन उसकी गैराज में आ पहुंचे।

मेकेनिक ने डॉक्टर साहब से कहा - जरा इस इंजिन को देखिये डॉक्टर साहब मैंने इसके दिल को खोलकर वाल्व निकाले और सुधार कर वापिस लगा दिए हैं। कुछ ऐसा ही काम आप भी करते हैं। फिर हमारी सेलरी में इतना अंतर क्यूं है?

डॉक्टर साहब मुस्कुराए और धीरे से मेकेनिक के कान में बोले- यही काम तब करके दिखाओ जब इंजिन चालू हो!

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