कंजूस पिता (बेटे से)- पढ़ रहे हो?

बेटा (कंजूस पिता से)- नहीं पिताजी।

पिता- तो जरूर लिख रहे होगे?

बेटा- नहीं।

पिता (झुंझलाते हुए)- तब चश्मा उतार क्यों नहीं लेते कितनी बार कहा है फिजूलखर्ची मत किया कर।

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