संता टूरिस्ट दिल्ली गए। घंटाघर के पास उन्हें लगातार घड़ी की ओर निहारता देख एक व्यक्ति ने उन्हें प्रस्ताव दिया, 'आप यह घड़ी खरीद सकते हैं, लाइए हजार रुपए।'

संता टूरिस्ट प्रसन्न हुए और फौरन हजार रुपए निकालकर दे दिए। वह व्यक्ति 'अभी सीढ़ी लाता हूं' कहकर गायब हो गया। काफी देर इंतजार करने के बाद संता को आभास हुआ कि वह ठगे गए। निराश होकर वह वापस होटल चले गए। अगले दिन उसी जगह फिर से घड़ी देखते हुए वही व्यक्ति उन्हें मिल गया और उसने फिर से वही प्रस्ताव दिया।

संता इस बार सतर्क थे, बोले, 'और तो सब ठीक है लेकिन इस बार सीढ़ी लेने मैं जाऊंगा!'

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