एक बार एक कवि सम्मेलन चल रहा था, बहुत से कवि बोर कर रहे थे, संता से जब नहीं रहा गया तो वो खुद स्टेज पर आया और बोला अब सुनिये..
एक कुत्ता..लोग बोले वाह.वाह.
संता फिर बोला एक कुत्ता, कुत्ते के ऊपर कुत्ता
लोग फिर बोले वाह..वाह..वाह..
संता फिर बोला कुत्ता, कुत्ते के ऊपर 2 कुत्ते,उनके ऊपर 3 कुत्ते, अब लोग चुप हो गये थोड़ी देर बाद एक आदमी बोला वाह..वाह..
संता जी फिर बोले कुत्ता, कुत्ते के ऊपर 2 कुत्ते, उनके ऊपर 3 कुत्ते, उनके ऊपर 4 कुत्ते.
सारे दर्शक परेशान होकर बोले, भाई ये कौन सा शेर हुआ?
संता जी- तू शेर मत सुन बैलेंस को देख.....
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