बारिश के दिनों में संता छतरी लेकर बाहर गया, उसकी छतरी में बड़ा सा छेद था।
संता (बंता से)- ओए, तेरी छतरी में छेद क्यों है?
बंता- अरे, ये छेद मैंने ही किया है, ताकि बारिश बंद होने पर मुझे पता चल सके।
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बारिश के दिनों में संता छतरी लेकर बाहर गया, उसकी छतरी में बड़ा सा छेद था।
संता (बंता से)- ओए, तेरी छतरी में छेद क्यों है?
बंता- अरे, ये छेद मैंने ही किया है, ताकि बारिश बंद होने पर मुझे पता चल सके।
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