संता (बंता से)- यार, मैं अगर गधा होता तो क्या तुम भी दोस्ती के खातिर गधे बन जाते?

बंता (संता से)- गधा तो नहीं बनता, पर दोस्ती की खातिर तुम्हें घास जरूर खिलाता।

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