संता (बंता से) - पहले तो मच्छर सिर्फ रात में काटते थे, अब दिन में भी काटने लगे हैं।

बंता (संता से) - दोस्त, मंहगाई की मार ऐसी ही है कि इंसान तो इंसान मच्छर को भी दिन-रात काम करना पड़ता है।

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