संता-कल मैंने तेरी भाभी को कातिल कहा, उसने खुश होकर मुझे चाय के साथ पकोड़े भी खिलाए।

बंता-बढि़या है यार, मैं भी आज बोलूंगा, लेकिन अंदाज बदल कर। तू तो जानता है, मैं किसी की कॉपी नहीं करता।

संता (अगले दिन)- क्या हुआ, मिले पकोड़े?

बंता- मुझे तो खाना भी नहीं मिला। मैं तो बस कातिल की जगह हत्यारिन बोला।

{widget:social-share-button}


Add comment