मुझे सर्कस देखने जाना है
संता (बेटा)- पापा, पापा मुझे सर्कस देखने जाना है।
बंता (पापा)- सर्कस देखने के लिए कहीं जाने की क्या जरूरत है बेटे मुझे देख लो और अगर रिंग मास्टर को देखना है तो उधर (मम्मी को)देख लो।
संता (बेटा)- पापा, पापा मुझे सर्कस देखने जाना है।
बंता (पापा)- सर्कस देखने के लिए कहीं जाने की क्या जरूरत है बेटे मुझे देख लो और अगर रिंग मास्टर को देखना है तो उधर (मम्मी को)देख लो।
संता- यार, ये प्यार क्या होता है?
बंता- अरे यार, यह पी यार का अपभ्रंश है।
संतो रास्ते में गुनगुनाती हुई चल रही थी। संता ने उसकी तरफ एक फूल फेंकते हुए कहा, रानी जरा इधर तो आ।
संतो- आएगी मेरी जूती।
संता- अरे तो जल्दी भेज न, उसी के लिए तो सुबह से लड़कियों को छेड़ रहा हूं। दरअसल मेरी बीवी ने कहा है कि यदि आज मैं उसके लिए जूती लेकर घर नहीं गया तो घर में घुसने नहीं देगी।
संतो- आज तक कोई मेरी सही उम्र बता ही नहीं पाया, कोई 18 कहता है तो कोई 22।
बंतो- अगर गलती से तूने किसी को बता दिया तो?
संतो- मैं इतनी बेवकूफ लगती हूं क्या? जिस राज को मैं चालीस सालों से छुपा रही हूं, उसे इतनी आसानी से बता दूंगी।
संता (बंता से)- मैं नालायक को भी लायक बना सकता हूं!
बंता (संता से)- वो कैसे?
संता- नालायक से ना हटाके!
संता (बंता से)- आपके घर में कौन-कौन रहता है?
बंता (संता से)- मैं, मेरी पत्नी, मेरी सास और सात सालियां!
संता- फिर तो आप उसी वक्त मुंह खोलते होगे जब जम्हाई लेनी हो या छींक मारनी हो!