बॉल कैच करने में इतना एक्सपर्ट कैसे बना
संता- यार तू बॉल कैच करने में इतना एक्सपर्ट कैसे बना?
बंता- राज की बात है।
संता- बता न।
बंता- तेरी भाभी को रोज गुस्सा आता है। वह गुस्से में बर्तन फेंकती है। बस मुझे खुद-ब-खुद कैच लेना आ गया।
संता- यार तू बॉल कैच करने में इतना एक्सपर्ट कैसे बना?
बंता- राज की बात है।
संता- बता न।
बंता- तेरी भाभी को रोज गुस्सा आता है। वह गुस्से में बर्तन फेंकती है। बस मुझे खुद-ब-खुद कैच लेना आ गया।
संता (बंता से)- ओए बंता मछली खायेगा?
बंता (संता से)- नहीं यार उसमें कांटे होते हैं।
संता- छोड़ यार, चप्पल पहनकर खा लेना।
संता की पत्नी- ओ डार्रि्लग, हमारी शादी के 24 घंटे हो गए।
संता- और लगता है जैसे कल की ही बात हो।
बंता (संता से)- शराब के पैग को जो पैर से भी छूता है वह नर्क में जाता है!
संता (बंता से)- जो इतनी पवित्र चीज को पैर से छुएगा तो नर्क में ही जायेगा!
विजिट पर
संता एक स्कूल में विजिट पर गया।
स्कूल की केमिस्ट्री लैब में बच्चे प्रैक्टिकल कर रहे थे। उसने ऐसिड के फ्लास्क में 5 रुपये का सिक्का डाला और बच्चों से पूछा, 'बताओ बच्चो! यह सिक्का ऐसा ही रहेगा या घुल जाएगा?'
एक बच्चा-यह ऐसा ही रहेगा सर, घुलेगा नहीं।
संता-शाबाश! लेकिन तुम्हें कैसे पता?
बच्चा- सर अगर ऐसिड में डालने से सिक्का घुलने वाला होता तो आप हमसे मांगते, अपनी जेब से नहीं निकालते।
खो जाता
बंता- आज अचानक पार्टी किस खुशी में?
संता- मेरा स्कूटर खो गया है.
संता (बंता से)- खिड़की से जल्दी कूदो, पुलिस आ रही है!
बंता (संता से)- लेकिन यह तेहरवीं मंजिल है!
संता- यह शगुन अपशगुन सोचने का वक्त नहीं है, जल्दी कूदो!