शर्म तो आपको आनी चाहिए
अजय (जेबकतरे को)- तुम्हें शर्म नहीं आती, मेरी जेब काटते हो?
जेबकतरा (अजय से)- शर्म तो आपको आनी चाहिए जेब में एक पैसा भी नहीं रखते।
अजय (जेबकतरे को)- तुम्हें शर्म नहीं आती, मेरी जेब काटते हो?
जेबकतरा (अजय से)- शर्म तो आपको आनी चाहिए जेब में एक पैसा भी नहीं रखते।
जज तुमने चोरी करते वक्त बीवी बच्चों के बारे में क्यों नहीं सोचा?
चोर- सोचा था मी लॉर्ड, पर दुकान में सिर्फ मैन्स वियर्स ही थे।
जज (चोर से)- तुम पिछले एक हफ्ते में सात चोरियां कर चुके हो।
चोर (जज से)- वो तो जी मैं बचपन से ही बहुत मेहनती हूं।
जज (चोर से): तुमने दिन दहाड़े चोरी क्यों की ?
चोर (जज से): क्या करूं साहब, रात को नींद जल्दी आ जाती है।
पिंकी (रश्मि से) - जब भी मैं तुम्हारे घर खाना खाती हूं, तुम्हारा कुत्ता मेरे खाने को घूर-घूर कर कर क्यों देखता है?
रश्मि (पिंकी से) - क्योंकि कुत्ता अपनी प्लेट पहचानता है।
जज एक चोर को सजा सुनाते हुए- अच्छा, तुमने समाज का अब तक क्या भला किया है?
चोर- हम जैसे मेहनतकश लोगों की वजह से ही पुलिस विभाग में हर साल इतनी भर्तियां होती हैं।